CSK की हार और पंजाब की जीत: क्या अब भी उम्मीद बाकी है?
आईपीएल 2025 के एक मुकाबले में पंजाब ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को 18 रनों से हराकर एक बार फिर साबित कर दिया कि मौजूदा सीजन में वह फॉर्म में है, जबकि CSK लगातार हारों के बोझ तले दबती नजर आ रही है।
इतिहास दोहराया गया, पर CSK की कमजोरी भी उजागर हुई
CSK ने अब तक आईपीएल इतिहास में सिर्फ तीन बार 200+ रन का लक्ष्य चेस किया है —
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2012 में RCB के खिलाफ
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2018 में KKR के खिलाफ
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2018 में RCB के खिलाफ
इसके बाद से अब तक 200+ का लक्ष्य CSK कभी नहीं चेस कर पाई। ऐसे में जब पंजाब ने 219 का विशाल स्कोर ठोका, तो शायद पहले ही तय हो गया था कि यह मुकाबला CSK के हाथ से फिसलने वाला है।
धोनी की कोशिशें और टीम की लाचारी
43 साल के महेंद्र सिंह धोनी आज भी टीम की उम्मीद बने हुए हैं। इस मैच में उन्होंने महज 12 गेंदों में 27 रन (225 स्ट्राइक रेट) ठोके। पिछले कुछ मैचों में भी उनका प्रदर्शन टीम के बाकी खिलाड़ियों से बेहतर रहा है, लेकिन सवाल ये है —
क्या धोनी के कंधों पर ही अब भी पूरी टीम टिकेगी?
बल्लेबाजी का पतन
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ऋतुराज गायकवाड़ का प्रदर्शन टॉप ऑर्डर में चिंता का कारण बनता जा रहा है। जैसे ही स्कोर 180+ होता है, उनका बल्ला खामोश हो जाता है।
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रचिन रविंद्र और डेवोन कॉन्वे स्ट्राइक रेट की बजाय टिककर खेलने वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन टी20 क्रिकेट में टिकने से ज़्यादा ज़रूरी है रन बनाना।
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मिडिल ऑर्डर टेस्ट टीम जैसा लगने लगा है — कोई भी छक्के लगाने की ताकत नहीं दिखा पाया।
गेंदबाजी पूरी तरह फ्लॉप
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पथिराना 4 ओवर में 52 रन लुटाकर बिना विकेट गए।
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अक्षर पटेल, मुकेश चौधरी, तुषार देशपांडे सभी बिखरे नजर आए।
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12 कैच ड्रॉप करना किसी भी टीम के डूबने के लिए काफी होता है, और यही CSK ने कर दिखाया।
पंजाब के नए सितारे: प्रियांश आर्य और शशांक सिंह
इस मैच में पंजाब की जीत के असली हीरो रहे दो अनकैप्ड खिलाड़ी:
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प्रियांश आर्य – 42 गेंदों में 103 रन (9 छक्के, 7 चौके, 245 स्ट्राइक रेट)
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शशांक सिंह – 36 गेंदों में 52 रन
इन दोनों खिलाड़ियों ने पंजाब की पारी को संभाला, वहीं CSK के पास वैसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखा जो टीम को अंत तक ले जा सके।
क्या CSK की उम्मीदें खत्म हो गई हैं?
अब तक CSK ने चार लगातार मैच गंवाए हैं। उनका रिकॉर्ड 180+ टारगेट में लगातार 11 बार हारने का है। लेकिन इतिहास कहता है कि 2010 में भी CSK ने शुरुआती 5 मैच हारे थे, फिर वापसी कर के चैम्पियन बनी थी।
तो उम्मीद अभी बाकी है, लेकिन ‘उम्मीद’ की जगह ‘रणनीति’ और ‘बेहतर चयन’ की ज़रूरत ज्यादा है।
🔥 निष्कर्ष:
CSK को अब आत्ममंथन करना होगा —
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क्या सही खिलाड़ी लिए गए हैं?
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क्या टीम का बैलेंस ठीक है?
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और सबसे बड़ा सवाल — क्या अब भी 43 साल के धोनी पर ही सब कुछ टिका रहेगा?
वहीं पंजाब जैसे युवा खिलाड़ियों की टीम बता रही है कि आईपीएल का भविष्य युवाओं के हाथ में है, न कि सिर्फ नाम के पीछे भागने में।