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वक्फ संपत्तियों पर घोटाला और नए कानून की हकीकत: एक गहरी पड़ताल।

🏛️ वक्फ संपत्तियों पर घोटाला और नए कानून की हकीकत: एक गहरी पड़ताल

प्रस्तावना
भारत में वक्फ संपत्तियों का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की भलाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए था। लेकिन वर्षों से इन संपत्तियों का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और सरकारी हस्तक्षेप चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस ब्लॉग में हम आपको वक्फ संपत्तियों के घोटालों, उनकी वर्तमान स्थिति, और 2024 के नए वक्फ अधिनियम की प्रमुख बातों को विस्तार से बताएंगे।


📊 वक्फ संपत्तियों की वास्तविक स्थिति

  • सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 4.9 लाख पंजीकृत वक्फ संपत्तियाँ थीं।

  • कुल भूमि 6 लाख एकड़ बताई गई थी।

  • इन संपत्तियों की बाजार कीमत ₹1.2 लाख करोड़ आँकी गई।

  • समिति ने कहा कि यदि इन संपत्तियों से मात्र 10% लाभ भी निकले तो सालाना कम से कम ₹12,000 करोड़ की आमदनी होनी चाहिए।

लेकिन हकीकत में वक्फ बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ ₹163 करोड़ की आमदनी दर्शाई गई — यानी वास्तविक लाभ का महज 1.36%


🌍 वैश्विक तुलना: भारत बनाम सिंगापुर

  • सिंगापुर की सिर्फ 200 वक्फ संपत्तियाँ ₹42.7 करोड़ का सालाना लाभ देती हैं।

  • जबकि भारत की 4.9 लाख संपत्तियाँ सिर्फ ₹163 करोड़ कमा रही हैं।

यह साफ़ इशारा करता है कि भारत में वक्फ संपत्तियों का भारी स्तर पर दुरुपयोग और कुप्रबंधन हो रहा है।


🕳️ वक्फ घोटालों की कुछ प्रमुख घटनाएँ

📌 उत्तर प्रदेश

  • मेरठ में वक्फ संपत्ति बेचने के लिए फर्जी पत्र का उपयोग किया गया।

  • सिद्धार्थनगर, सीतापुर, प्रयागराज – जहाँ वक्फ संपत्तियाँ नेताओं और माफियाओं द्वारा कब्जा ली गईं।

📌 पश्चिम बंगाल

  • सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियाँ थीं, फिर भी मुस्लिम समुदाय सबसे गरीब रहा।

  • 126 संपत्तियाँ मामूली किराए पर दी गईं। एक शराब कंपनी को भी 99 साल की लीज पर वक्फ ज़मीन दी गई।

📌 कर्नाटक

  • Anwar Manipaddy रिपोर्ट: 2001-2012 के बीच लगभग 27,000 एकड़ वक्फ ज़मीन बेहद सस्ते में बेची गई।

  • अनुमानित घोटाले की राशि: ₹2 लाख करोड़

  • इस रिपोर्ट में कई नेताओं के नाम लिए गए, जिनमें मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य शामिल थे।

📌 आंध्र प्रदेश

  • YSR रेड्डी द्वारा 1630 एकड़ वक्फ ज़मीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को दी गई।

  • चंद्रबाबू नायडू ने 1100 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी।


🏚️ किराए की असलियत और कब्जे

  • दिल्ली के जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के पास की दुकानों का वास्तविक किराया ₹20,000 हो सकता था, पर ₹1,500-₹2,000 में किराए पर दी गईं

  • कुछ संपत्तियाँ ₹1 से ₹11 के बीच किराए पर थीं और 85% संपत्तियाँ गैर-मुस्लिमों को किराए पर दी गईं।


⚖️ अदालतों में वक्फ विवाद

  • DDA और L&DO ने 300+ मुकदमे दायर किए।

  • सिर्फ 4 संपत्तियाँ वक्फ बोर्ड को वापस मिलीं।

  • 989 बेदखली आदेश और 120 से ज्यादा पुलिस शिकायतें दर्ज हैं।

  • दिल्ली में वक्फ बनाम सरकार का सबसे बड़ा संघर्ष चल रहा है।


🌐 वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम (ऑनलाइन पोर्टल)

सरकार ने एक पोर्टल लॉन्च किया जिसमें:

  • जीपीएस लोकेशन

  • किराया विवरण

  • केस स्टेटस

  • बैलेंस शीट
    आदि जानकारियाँ मिलती हैं।

  • 58,000 शिकायतें

  • 40,951 मुकदमे वक्फ ट्रिब्यूनल में

  • 165 हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट में

  • 9,942 केस खुद मुस्लिमों द्वारा दायर


📜 2024 का नया वक्फ कानून: क्या बदला?

सरकार ने 8 अगस्त 2024 को नया वक्फ अधिनियम लाया, जिसमें ये प्रमुख बदलाव हैं:

  1. केवल वही व्यक्ति वक्फ कर सकता है, जो पिछले 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा हो

  2. ‘यूज़र वक्फ’ की परंपरा हटा दी गई।

  3. अब डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सर्वे करेगा, न कि वक्फ सर्वे कमिश्नर।

  4. जिस संपत्ति पर विवाद है, वह निर्णय तक सरकार के पास रहेगी।

  5. वक्फ बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्य और 2 मुस्लिम महिलाएँ अनिवार्य की गईं।

  6. वक्फ बोर्ड में अब सरकारी अधिकारी और CAG द्वारा ऑडिट होगा।

  7. शिया-सुन्नी के अलावा अब बोहरा और आगा खानी वक्फ बोर्ड भी शामिल होंगे।

  8. अब सिर्फ लिखित वक्फ मान्य होगा, मौखिक वक्फ रद्द।


😟 मुस्लिम समुदाय की चिंता

  • गहरा अविश्वास सरकार की मंशा पर।

  • नया कानून वक्फ प्रणाली को मुस्लिम नियंत्रण से सरकारी नियंत्रण में ले आता है

  • क्या वाकई इससे पारदर्शिता बढ़ेगी या यह एक नई समस्या बनेगी – यह समय बताएगा।


🔚 निष्कर्ष

भारत में वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार कोई नया मुद्दा नहीं है, पर हालात अब चरम पर हैं। एक ओर, संपत्तियाँ हैं जिनका सही इस्तेमाल गरीब मुस्लिमों की ज़िंदगी बदल सकता है, दूसरी ओर, उनका लाभ कुछ नेताओं, माफियाओं और अफसरशाही तक सीमित रह गया है।

अब समय आ गया है कि:

  • पारदर्शिता लाई जाए

  • गैरकानूनी कब्जे हटाए जाएं

  • वक्फ का मूल उद्देश्य पुनः स्थापित हो


🧠 क्या आप जानते हैं?

वक्फ संपत्तियाँ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी धर्म आधारित संपत्ति व्यवस्था है, लेकिन भारत में इनका सबसे कम उपयोग होता है।